SBI PPF Yojana: भारतीय स्टेट बैंक देश के सबसे प्रमुख बेंको में से एक है, जो की अपने निवेशकों के लिए कई सेविंग स्कीम चलाती है। इन स्कीम्स में कोई भी नागरिक अपना पैसा जमा कर उच्च रिटर्न पा सकता है। अगर आप लम्बे समय की अवधि के लिए निवेश करना चाहते है तो एसबीआई पीपीएफ स्कीम (SBI PPF Account) में निवेश कर सकते है। जिसमे की पैसे जमा कर हर साल 7.1% ब्याज दर प्राप्त कर सकते है।
SBI PPF Yojana
देश के काफी लोगो ने एसबीआई PPF स्कीम में अपना पैसा निवेश किया हुआ है क्युकी यह के सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प है। साथ ही पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम में पैसा जमा करने पर आपको बचत के साथ साथ टैक्स में भी छूट दी जाती है। पीपीएफ खाता खुलवाना बहुत ही आसान है बस आपको नजदीकी बैंक शाखा में जाकर आवेदन फॉर्म भरना होगा। आइये जानते है पीपीएफ स्कीम निवेश (SBI PPF Account) पर कितना रिटर्न देती है।
15 साल के लिए खुलवाए खाता
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की इस स्कीम में निवेश करने के 15 साल के बाद आपका पैसा मैच्योर होता है। चुकी यह एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्कीम है, इसलिए इसकी जमा अवधि भी अधिक है। अगर आप इसके आगे भी निवेश जारी रखना चाहते है तो 5-5 साल के लिए इसे आगे बढ़ा सकते है। इसका उद्देश्य हर महीने छोटी छोटी रकम जमा कर एकमुश्त मोटी रकम देना है।
न्यूनतम और अधिकतम निवेश
देश में रहने वाला कोई भी नागरिक पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट खुलवा सकता है। इसके लिए आप कम से कम 500 रूपए से निवेश शुरू कर सकते है और अधिकतम एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रूपए निवेश किये जा सकते है। अगर आप हर महीने 2500 रूपए से भी निवेश शुरू करते है तो 15 साल में ब्याज मिलाकर लाखों का फंड जमा (SBI PPF Account) कर सकते है।
ऐसे मिलेगा लाखों का फंड
अगर कोई आवेदक अपने SBI पीपीएफ खाते में हर महीने 5000 रूपए का निवेश करता है तो एक साल में 60,000 रूपए जमा हो जाते है। इसी जमा राशि को लगातार 15 सालों तक जारी रखते है तो रकम 9,00,000 रूपए हो जाती है। इस जमा पर 7.1% ब्याज दर के हिसाब से मैच्योरिटी पर कुल ₹16,27,284 रिटर्न मिलता है। जिसमे केवल ब्याज से आपकी ₹7,27,284 की कमाई होती है।
ऑनलाइन करे निवेश
एसबीआई की और से चलाई जा रही इस स्कीम में निवेशकों को कई लाभ दिए जाते है। जैसे की अगर आप बैंक की शाखा में जाकर आवेदन नहीं करना चाहते है तो SBI YONO ऐप की मदद से ऑनलाइन अप्लाई (SBI PPF Account) कर सकते है। इसके साथ ही मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि पूरी तरह से टैक्स-फ्री होती है। इसके अलावा, निवेशक को आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर लाभ भी मिलता है।
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